इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनई ने कहा कि अगर ईरानी राष्ट्र अपनी आंतरिक क्षमताओं पर ध्यान केन्द्रित करे तो अमरीका तथा दूसरी ताक़तें उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकेंगी।
इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने हज़रत अली अलैहिस्सलाम के जन्म दिन के अवसर पर मंगलवार को पश्चिमी प्रांत ईलाम से तेहरान आने वाले हज़ारों लोगों से मुलाक़ात में कहा कि क्षमताओं को सक्रिय और आंतरिक योग्यताओं पर ध्यान केन्द्रित किया जाए तो अमरीका तथा दूसरी विश्व शक्तियां सामरिक व ग़ैर सामरिक किसी भी प्रकार के हथकंडे से ईरानी जनता को झुकाने में सफल नहीं हो सकेंगी। इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने कहा कि बड़ी शक्तियों को याद रखना चाहिए कि ईरानी जनता कभी घुटने नहीं टेकेगी क्योंकि ईरानी राष्ट्र ज़िन्दगी से भरपूर राष्ट्र है और देश के युवा सही दिशा में प्रगति कर रहे हैं। इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने स्वावलंबी अर्थ व्यवस्था की नीतियों को लागू करने और आंतरिक क्षमताओं पर भरोसा करने को आर्थिक समस्याओं के निदान का सही मार्ग बताया और कहा कि जहां भी युवाओं की क्षमताओं और रचनात्मक योग्यताओं पर भरोसा किया गया वहां प्रगति का मार्ग स्पष्ट हो गया, परमाणु क्षेत्र का विकास, चिकित्सा, स्टेम सेल्ज़, नैनो टेक्नालोजी और रक्षा उद्योग के क्षेत्रों में होने वाली प्रगति उसके खुले उदाहरण हैं। इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने ईरानी युवाओं के बारे में कुछ गलियारों की अवास्तविक सोच का हवाला देते हुए कहा कि ईरान की जनता और युवाओ का स्वभाव धार्मिक तथा इस्लाम, क़ुरआन, अध्यात्म, देश और राष्ट्रीयता से गहरे लगाव का स्वभाव है और इस विषय की कभी भी उपेक्षा नहीं करना चाहिए।
आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनई का कहा था कि समाज के कल्याण के लिए हज़रत अल अलैहिस्सलाम से मिलने वाला महत्वपूर्ण पाठ यह है कि लोगों की आर्थिक समस्याओं के हल के लिए कड़ी मेहनत की जाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में यह लक्ष्य अपार आंतरिक क्षमताओं को सक्रिय करने वाली सही योजनाबंदी और युवाओं की योग्यताओ पर भरोसा करके प्राप्त किया जा सकता है।
हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई
अमरीका में ईरान को पीछे ढ़केलने की सकत नहीं, ईरानी क़ौम एक जिंदा क़ौम है।
13 मई 2014 - 12:34
समाचार कोड: 608256

इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनई ने कहा कि अगर ईरानी राष्ट्र अपनी आंतरिक क्षमताओं पर ध्यान केन्द्रित करे तो अमरीका तथा दूसरी ताक़तें उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकेंगी।